गुणाकर जी का जन्म 3 जनवरी 1935 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के एक गांव में हुआ था। मराठी मूल के होने के बावजूद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से गणित में एम.ए. किया और लेखन के लिए हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं को माध्यम बनाया। वर्षों दार्जीलिंग स्थित राहुल संग्रहागार से संबद्ध रहने के उपरांत 1971-72 के दौर में वे दिल्ली आ गए थे और फिर दिल्ली ही उनके जीवन का अंतिम पड़ाव बनी। यहीं उन्होंने विवाह किया, घर बसाया और रहे। एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि सिविल मैरिज के दौरान कोर्ट के सम्मुख मुले जी के पिता की भूमिका बाबा नागार्जुन ने निभाई थी। अंत तक वे राहुल जी, भदंत आनंद कौसल्यायन को अपने गुरु के रूप में और नागार्जुन को पितृवत् मानते रहे।
गुणाकर जी से मेरा प्रथम परिचय 1971-72 के दौर में कवि श्री विष्णुचंद्र शर्मा ने टी हाउस-कॉफी हाउस की गहमागहमियों के बीच कराया था और तब से उनसे निरंतर मैत्रीपूर्ण संबंध बना रहा। उनके व्यक्तित्व में जहां एक प्रकांड विद्वान समाहित था, वहीं एक गहरेबाज मित्र भी जमा बैठा था। सालों के अंतराल के बाद भी- और भीड़ में भी खुद आगे बढ़ कर टहोकते थे और समय का अंतराल उनकी शहद जैसी गाढ़ी-आत्मीय आवाज में दब जाया करता था। कभी उनसे आये दिन मुलाकातें होती रहती थीं- काफी हाउस में, 25 बाराखंभा रोड में, जफर मार्ग पर जनसत्ता के दफ्तर में। एकाध बार पांडव नगर स्थित उनके घर भी जाना हुआ। मेरे पारिवारिक आयोजनों में भी उन्होंने शिरकत की। फिर फिराक गोरखपुरी की तर्ज पर वह दौर आया कि 'अब यादे-रफ्तगां की भी हिम्मत नहीं होती/ यारों ने इतनी दूर बसाई हैं बस्तियां...' । पिछले तीन-चार सालों के दरमियान सिर्फ एक बार एक विवाह समारोह में गुणाकर जी से मुलाकात हुई। फोन पर भी, अस्वस्थता के हवाले से, उनकी शहद घुली आवाज सुन पाना संभव नहीं रह गया था। ...और आखिरश् इस तरह 'झन् से सांस की बेड़ियां टूटीं ' कि 'मेरी कहानी में वह नाम' भी नहीं रहा।
श्रृद्धांजलि हमारी ओर से भी।
ReplyDeleteगुणाकर मुले का कार्य अत्यंत मौलिक तथा विशिष्ट है।
गुणाकर मूले जी के बारे में जानकारी देने का आभार .. हमारी ओर से भी उन्हे श्रद्धांजलि !!
ReplyDeleteआपने मुले जी के जीवन के कुछ कम कहे बिन्दुओं को उभारा है -उनका दैहिक अवसान हमें भी संतप्त करता है मगर ऐसे महनीय व्यक्तित्व अपनी यशः काया में हमारे बीच ही विद्यमान रहते हैं !
ReplyDeleteसुरेश जी,
ReplyDeleteगुणाकर जी जैसे महान हिन्दी लेखक के उपर नेट पर इतनी कम सामग्री है कि आश्चर्य हो रहा है। मुझे उनका फोटो तक कहीं नहीं मिला। अंग्रेजी विकि पर अभी तक उनके बारे में एक वाक्य नहीं है। हिन्दी विकि पर कुछ लिखा गया है किन्तु मुले जी के कृतित्व की तुलना में वह बहुत थोड़ा है।
यदि हिन्दी विकि पर आप उनके बारे में लेख को और बढ़ा सकें तो उत्तम होगा।